Tuesday, September 22, 2015

इजोत हेतई, अन्हार छुटत

इजोत हेतई, अन्हार छुटत
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भोर हेतई,
किरण फुटत 
इजोत हेतई,
अन्हार छुटत
निराश मैथिल
फेरो जागत
जँ जागत
दरिद्रता भागत
चिंता अनूप
जूनी करु
मातृभुम लेल
निश्चित लड़ू
के सामने
के देत संग
के पाछा
के करत व्यंग
निश्चित करु
अप्पन लक्ष्य
मैथिली करती
अपनेक रक्ष्य
छोड़ू चर्च
कीर्ति फीर्ति
देखब हुनका
अगिला घुरति
नीतिश राहुल
मोदी लालू
सबकर दोकान
रहत चालू
मिथिला मैथिल
कियो नञि चिन्हत
टाका बोतल दऽ
भोटो किनऽत
अप्पन दर्द
अपने जानी
मिथिला राज सँ
कम नञि मानी
भोर हेतई,
किरण फुटत
इजोत हेतई,
अन्हार छुटत
::अनूप सत्यनारायण झा::

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