सुनु सुनु! मिथिला आंदोलनक कथा सुनु
आंदोलनी सबपर जे बित रहल से व्यथा सुनु
आंदोलनी सबपर जे बित रहल से व्यथा सुनु
इ भेल आब एहन खेला
भेल भानष पर पाहुन एला
भेल भानष पर पाहुन एला
हमरो चाही अइ में बखरा
नञि देबऽ तऽ हेतऽ लफरा
नञि देबऽ तऽ हेतऽ लफरा
के थिक रावण के थिक विशर्वा
हमहीं रहऽब एकमात्र सर्वेशर्वा
हमहीं रहऽब एकमात्र सर्वेशर्वा
कि कि केलऽ से बही किताब बताबऽ
कि कि खेलऽ से पुरा हिसाब देखाबऽ
कि कि खेलऽ से पुरा हिसाब देखाबऽ
बैंक में सही आब हमरे चलतऽ
बैनर पर फोटो हमरे लगतऽ
बैनर पर फोटो हमरे लगतऽ
बैसु पाहुन ओना नञि औउताऊ
आंदोलनक डिबीया एना नञि मिझाऊ
आंदोलनक डिबीया एना नञि मिझाऊ
दस दस लाठी खेने छी
तीन सांझ थाना में बितेने छी
तीन सांझ थाना में बितेने छी
पाहुन के एक एक लाठी पोन आ कल्ला पर
सुता दियौन बिन मच्छरदानी दुतल्ला पर
सुता दियौन बिन मच्छरदानी दुतल्ला पर
हे हे! हँसी मजाक केलौं माफ़ करु
हमरा प्रति हिया साफ़ करु
हमरा प्रति हिया साफ़ करु
बंधुआ मजदुरी बढ़ हम केलौं
अपमानक अन्न बढ़ हम खेलौं
अपमानक अन्न बढ़ हम खेलौं
आब दरभंगा में हमरा काज चाही
हर हाल में मिथिला राज चाही
हर हाल में मिथिला राज चाही !!
हर हाल में मिथिला राज चाही
हर हाल में मिथिला राज चाही !!
जय जय मिथिला !!
:: अनुप सत्यनारायण झा ::
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