Wednesday, July 15, 2015

पईसा कउड़ी खुब कमेलऽ

पईसा कउड़ी खुब कमेलऽ
खुन पसीना खुब बहेलऽ
देश विदेश में राज करई छ
जे नञि सेहो काज करई छ
बौआ सँ तु मनिजर बनलऽ
गउँवा के तु फटिचर समझलऽ
अलफलहा भेल साहेब बड़का
बिखपद्दु अक्खनो धरी कड़का
लाखक लाख टका तु गिनलऽ
फोर बीएचके फ्लेट तु किनलऽ
मुदा दिल्ली में पोखरी कतऽ सँ किनबऽ ?
गाक्षीक आम कि मुम्बई में बिछबऽ ?
बौआ के आंगना कतऽ देखेबऽ?
बरुआ के मड़बा कतऽ बनेबऽ?
गामक घर ओहिना कनईछ
सांझ में नञि आब डिबियो जरईछ
ताला असगर लटकल छ
कुंजी कत्तऊ भटकल छ
अंगनाक तुलसी सूईख रहल छ
कुकुर बिलाईर भूईक रहल छ
घर तोहर आब पुरा चुबई छ
दुरगमनिया कोच रोज भिजई छ
साईकिलक चक्का सड़ी गेलऽ
बाबा दाई सब मरी गेलऽ
बहुत कमेलऽ बहुत कमेलऽ
बाबा दाई सब गमेलऽ
बस करऽ आब बस करऽ
गाम धरऽ आब गाम धरऽ...................!!
:: अनुप सत्यनारायण झा ::

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