न अन्नोदकसमं दानं
न तिथि द्वादशीसमा।
न गायत्र्याः परो मन्त्रो
न मातु: परदैवतम्॥
न तिथि द्वादशीसमा।
न गायत्र्याः परो मन्त्रो
न मातु: परदैवतम्॥
अर्थात --
अन्न आओर जल केर समान दान नञि अछि, द्वादशीक समान तिथि नञि अछि, गायत्री सँ पईघ मंत्र नञि अछि आओर माता सँ पईघ देवता नञि अछि
॥

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