I have visited most part of the states of my India. I can speak more than ten languages. I am working in a readymade garment co. as Regional Sales Manager I love Maharashtra as well as Assam and Bihar. I have worked in DD Bihar's famouse maithili serial Master Saheb as Ramchander Babu. Have acted in Chidiyaghar, Savdhan India, Crime Alert, Khaki Ek Vachan, Chakradhari Ajay Krishna and many more........
Monday, October 19, 2015
Friday, October 16, 2015
Master Saheb ( Maithili Serial )
DD Bihar will show a new mathili tv serial - Master Saheb from November 2 , 2015 thrice a week ( Mon Tue Wednesday ) in the evening at 9 o’clock .The producer of this serial is Mr. Dinesh Kumar Singh while Direction and story is of Sri Abhiraj Jha. Actors of the serial are Abhiraj Jha, Mona Rai, Sures Ananad, Shikha Choudhry, Karan Mishra, Vimal Jha, Anup Satyanarayan Jha, Avadesh Singh, Rajesh Jha and many more......
The script of the serial is written by Abhiraj Jha while Cinematography has been done by R. R. Princ. This serial has been made by DST under the home production of Dinesh Singh. Assistant directors are Dheeraj Kumar, Hridaynath Jha.
Tuesday, September 22, 2015
भगवती स्थानक बाजल घंटा
भगवती स्थानक बाजल घंटा
चलऽ उठाबऽ झोरा झंटा
छोड़ऽ असाम बम्बई दिल्ली
आ पंजाब ब'ला के डंटा
चलऽ उठाबऽ झोरा झंटा
छोड़ऽ असाम बम्बई दिल्ली
आ पंजाब ब'ला के डंटा
गाम तऽ आखिर गामे छै
हमरो तऽ एकटा नामे छै
भुखले छी तऽ सुतले छी
बाबा आशीर्वाद तऽ ठामे छै
हमरो तऽ एकटा नामे छै
भुखले छी तऽ सुतले छी
बाबा आशीर्वाद तऽ ठामे छै
परदेस में हर्षित कहाँ सँ होयब
बोईनक मोटरी कत्तेक ढोयब
लोकक बीच में खुब हँसई छी
बाद में भोकासी पारी रोयब
बोईनक मोटरी कत्तेक ढोयब
लोकक बीच में खुब हँसई छी
बाद में भोकासी पारी रोयब
गाम में नञि कियो सरधुआ कहतऽ
आ नञि कियो बजरखसुआ कहतऽ
मेहिंक्का चाऊरक भात तु खईहऽ
आब नञि सुथनी मरुआ भेटतऽ
आ नञि कियो बजरखसुआ कहतऽ
मेहिंक्का चाऊरक भात तु खईहऽ
आब नञि सुथनी मरुआ भेटतऽ
भगवती स्थानक बाजल घंटा
चलऽ उठाबऽ झोरा झंटा
चलऽ उठाबऽ झोरा झंटा
:: अनुप सत्यनारायण झा ::

इजोत हेतई, अन्हार छुटत
इजोत हेतई, अन्हार छुटत
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भोर हेतई,
किरण फुटत
इजोत हेतई,
अन्हार छुटत
किरण फुटत
इजोत हेतई,
अन्हार छुटत
निराश मैथिल
फेरो जागत
जँ जागत
दरिद्रता भागत
फेरो जागत
जँ जागत
दरिद्रता भागत
चिंता अनूप
जूनी करु
मातृभुम लेल
निश्चित लड़ू
जूनी करु
मातृभुम लेल
निश्चित लड़ू
के सामने
के देत संग
के पाछा
के करत व्यंग
के देत संग
के पाछा
के करत व्यंग
निश्चित करु
अप्पन लक्ष्य
मैथिली करती
अपनेक रक्ष्य
अप्पन लक्ष्य
मैथिली करती
अपनेक रक्ष्य
छोड़ू चर्च
कीर्ति फीर्ति
देखब हुनका
अगिला घुरति
कीर्ति फीर्ति
देखब हुनका
अगिला घुरति
नीतिश राहुल
मोदी लालू
सबकर दोकान
रहत चालू
मोदी लालू
सबकर दोकान
रहत चालू
मिथिला मैथिल
कियो नञि चिन्हत
टाका बोतल दऽ
भोटो किनऽत
कियो नञि चिन्हत
टाका बोतल दऽ
भोटो किनऽत
अप्पन दर्द
अपने जानी
मिथिला राज सँ
कम नञि मानी
अपने जानी
मिथिला राज सँ
कम नञि मानी
भोर हेतई,
किरण फुटत
इजोत हेतई,
अन्हार छुटत
किरण फुटत
इजोत हेतई,
अन्हार छुटत
::अनूप सत्यनारायण झा::

चल रै बौआ गाम चल...
चल रै बौआ गाम चल...
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चल रे बौआ गाम चल
लेने भगवतीक नाम चल
चल रै बौआ गाम चल.......
लेने भगवतीक नाम चल
चल रै बौआ गाम चल.......
मुम्बई दिल्ली सबतईर घुमलैँ
बड़का छोटका खोता बुनलैँ
देहो दऽ रहल जवाब छौ
समय लऽ रहल हिसाब छौ
केने सबके प्रणाम चल
चल रै बौआ गाम चल..........
बड़का छोटका खोता बुनलैँ
देहो दऽ रहल जवाब छौ
समय लऽ रहल हिसाब छौ
केने सबके प्रणाम चल
चल रै बौआ गाम चल..........
बस बिट्टी, गाछी, खेत-पथार
गामो पर लगईछै हाट-बजार
टाका पईसा कत्तौ भेटतौ
मेहनत करबैँ तऽ अत्तौ भेटतौ
बचबैत अप्पन सम्मान चल
चल रै बौआ गाम चल........
गामो पर लगईछै हाट-बजार
टाका पईसा कत्तौ भेटतौ
मेहनत करबैँ तऽ अत्तौ भेटतौ
बचबैत अप्पन सम्मान चल
चल रै बौआ गाम चल........
माय बाबूक त्याग सँ बनल देह
भदेश आबि बिसरलैँ तु माटिक सनेह
कने कने के फेरा मे समय रहलौ बीत
दाई बाबा के मुईलो पर कोना नञि फटलौ चीत
भविष्यक केने ध्यान चल
चल रै बौआ गाम चल............
भदेश आबि बिसरलैँ तु माटिक सनेह
कने कने के फेरा मे समय रहलौ बीत
दाई बाबा के मुईलो पर कोना नञि फटलौ चीत
भविष्यक केने ध्यान चल
चल रै बौआ गाम चल............
तोरे मेहनत सँ प्रकाशित संसार
मुदा गाम में अक्खनो कुप अन्हार
गाम-घर, संगी-साथी बजा रहल छौ
इजोतक सपना सजा रहल छौ
अन्हारक लेने निदान चल
चल रै बौआ गाम चल..............
मुदा गाम में अक्खनो कुप अन्हार
गाम-घर, संगी-साथी बजा रहल छौ
इजोतक सपना सजा रहल छौ
अन्हारक लेने निदान चल
चल रै बौआ गाम चल..............
::अनूप सत्यनारायण झा::

यात्री आगे बढ़ता चल
यात्री आगे बढ़ता चल...
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यात्री आगे बढ़ता चल
हर पहाड़ तु चढ़ता चल
लक्ष्य तेरा अब दूर नहीं
इतिहास नया तु गढ़ता चल
यात्री आ....................
हर पहाड़ तु चढ़ता चल
लक्ष्य तेरा अब दूर नहीं
इतिहास नया तु गढ़ता चल
यात्री आ....................
है आज अकेला गर तु
निश्चय को बना हमसफर तु
कल साथ वो भी देंगे तेरे
जो रहे समझा छोड़ ये डगर तु
यात्री आ................
निश्चय को बना हमसफर तु
कल साथ वो भी देंगे तेरे
जो रहे समझा छोड़ ये डगर तु
यात्री आ................
जो सोया है वो जागेगा
जो बैठा है वो भागेगा
तेरी पहल क्रांति लायेगी
जब तु लक्ष्य को दागेगा
यात्री आ..................
जो बैठा है वो भागेगा
तेरी पहल क्रांति लायेगी
जब तु लक्ष्य को दागेगा
यात्री आ..................
अनूप सत्यनारायण झा

Saturday, July 18, 2015
चलु विरार चलु विरार !!
चलु विरार चलु विरार !!
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जागु भईयारी होउ तैयार
भाई बंधु के लेने विचार
चलु विरार चलु विरार !!
नञि कियो गोर नञि कियो कार
जादव मंडल आ तिलकधार
चलु विरार चलु विरार !!
रेल फटफटिया आ मोटर कार
साईकिल स्कुटर पैदल सवार
चलु विरार चलु विरार !!
बौआ बुच्ची भईया भौजी आओर सब नार
देखत मिथिला बौआ बुचिक किलकार
चलु विरार चलु विरार !!
नेता अभिनेता गायक कलाकार
हिन्दी मैथिली संग मराठी पत्रकार
चलु विरार चलु विरार !!
कमल धनंजय रविन्द्र कृष्ण कुमार
मिलजुलकऽ सब लगाबु नैया पार
चलु विरार चलु विरार !!
वर्ली पनवेल पोईसर वाशी भिन्डी बजार
मुम्बई ठाणे पालघर पुणे सबतईर हकार
बारहो वर्णक एक्के ललकार
मिथिला राज हम्मर अधिकार
चलु विरार चलु विरार !!
::अनुप सत्यनारायण झा ::
चलु विरार चलु विरार !!
मिथिलाक विभुती सबहक हेतैन सत्कार
ललका पाग नबका दोपटा संग फुलक हार
चलु विरार चलु विरार !!
Wednesday, July 15, 2015
हे मिथिलाक अर्जुन
हे मिथिलाक अर्जुन
वीर छ तु धीर छ !
वीर छ तु धीर छ !
तरकस में तोहर
रंग बीरंगा तीर छ !
रंग बीरंगा तीर छ !
देशक उन्नत्ति में
मेहनती तोहर शरीर छ !
मेहनती तोहर शरीर छ !
मुदा मिथिलाक नाम पर
तु आन्हर आ बहिर छ !
तु आन्हर आ बहिर छ !
देखि दुर्दशा गामक
आँखि में कहाँ नीर छ !
आँखि में कहाँ नीर छ !
चाहे मुसलमान लाला
ब्राह्मण अहीर छ !
ब्राह्मण अहीर छ !
दिल्ली मुम्बई में
मात्र तु भीड़ छ !
मात्र तु भीड़ छ !
कलकत्ता आसाम में
बड़का तु फकीर छ !
बड़का तु फकीर छ !
मुदा मिथिलाक नाम पर
तु आन्हर आ बहिर छ !
तु आन्हर आ बहिर छ !
:: अनुप सत्यनारायण झा
नुप सत्यनारायण झा ::

पईसा कउड़ी खुब कमेलऽ
पईसा कउड़ी खुब कमेलऽ
खुन पसीना खुब बहेलऽ
खुन पसीना खुब बहेलऽ
देश विदेश में राज करई छ
जे नञि सेहो काज करई छ
जे नञि सेहो काज करई छ
बौआ सँ तु मनिजर बनलऽ
गउँवा के तु फटिचर समझलऽ
गउँवा के तु फटिचर समझलऽ
अलफलहा भेल साहेब बड़का
बिखपद्दु अक्खनो धरी कड़का
बिखपद्दु अक्खनो धरी कड़का
लाखक लाख टका तु गिनलऽ
फोर बीएचके फ्लेट तु किनलऽ
फोर बीएचके फ्लेट तु किनलऽ
मुदा दिल्ली में पोखरी कतऽ सँ किनबऽ ?
गाक्षीक आम कि मुम्बई में बिछबऽ ?
गाक्षीक आम कि मुम्बई में बिछबऽ ?
बौआ के आंगना कतऽ देखेबऽ?
बरुआ के मड़बा कतऽ बनेबऽ?
बरुआ के मड़बा कतऽ बनेबऽ?
गामक घर ओहिना कनईछ
सांझ में नञि आब डिबियो जरईछ
सांझ में नञि आब डिबियो जरईछ
ताला असगर लटकल छ
कुंजी कत्तऊ भटकल छ
कुंजी कत्तऊ भटकल छ
अंगनाक तुलसी सूईख रहल छ
कुकुर बिलाईर भूईक रहल छ
कुकुर बिलाईर भूईक रहल छ
घर तोहर आब पुरा चुबई छ
दुरगमनिया कोच रोज भिजई छ
दुरगमनिया कोच रोज भिजई छ
साईकिलक चक्का सड़ी गेलऽ
बाबा दाई सब मरी गेलऽ
बाबा दाई सब मरी गेलऽ
बहुत कमेलऽ बहुत कमेलऽ
बाबा दाई सब गमेलऽ
बाबा दाई सब गमेलऽ
बस करऽ आब बस करऽ
गाम धरऽ आब गाम धरऽ...................!!
गाम धरऽ आब गाम धरऽ...................!!
:: अनुप सत्यनारायण झा ::

हे मोदीजी, आब नञि चाही पसेंजर गाड़ी,
दुगो दुरन्तो भी चलवादो
नबका कारखाना कहाँ कहई छि,
रैय्याम लोहट सकरी ही खुलवादो
मिथिला सँ है कोन दुश्मनी,
एक बेर हमरो तऽ बतलादो
दरभंगा के किछ नञि देलऽ,
कम सँ कम स्मार्ट सिटी में नाम तो लिखवादो
हे मोदीजी, आब नञि चाही पसेंजर गाड़ी,
दुगो दुरन्तो भी चलवा दो
नबका कारखाना कहाँ कहई छि,
रैय्याम लोहट सकरी ही खुलवादो
बहुते घुमलऽ चीन जापान आ मंगोलिया,
आब मिथिलो में गाड़ी घुमवादो
नञि किछ तऽ अही बहाने
दरभंगा हवाई अड्डा के श्राप सँ मुक्त करवादो
हे मोदीजी, आब नञि चाही पसेंजर गाड़ी,
दुगो दुरन्तो भी चलवा दो
नबका कारखाना कहाँ कहई छि,
रैय्याम लोहट सकरी ही खुलवादो
::अनुप सत्यनारायण झा::
दुगो दुरन्तो भी चलवादो
नबका कारखाना कहाँ कहई छि,
रैय्याम लोहट सकरी ही खुलवादो
मिथिला सँ है कोन दुश्मनी,
एक बेर हमरो तऽ बतलादो
दरभंगा के किछ नञि देलऽ,
कम सँ कम स्मार्ट सिटी में नाम तो लिखवादो
हे मोदीजी, आब नञि चाही पसेंजर गाड़ी,
दुगो दुरन्तो भी चलवा दो
नबका कारखाना कहाँ कहई छि,
रैय्याम लोहट सकरी ही खुलवादो
बहुते घुमलऽ चीन जापान आ मंगोलिया,
आब मिथिलो में गाड़ी घुमवादो
नञि किछ तऽ अही बहाने
दरभंगा हवाई अड्डा के श्राप सँ मुक्त करवादो
हे मोदीजी, आब नञि चाही पसेंजर गाड़ी,
दुगो दुरन्तो भी चलवा दो
नबका कारखाना कहाँ कहई छि,
रैय्याम लोहट सकरी ही खुलवादो
::अनुप सत्यनारायण झा::
अहाँ बिनु भेलौं हम बहिरा
जहिया सँ गेलौं अहाँ नहिरा
अहाँ बिनु भेलौं हम बहिरा
अहाँ बिनु भेलौं हम बहिरा
भोरे नञि आब आँखी खुजईया
मऽनक बात नञि कियौ बुझईया
मऽनक बात नञि कियौ बुझईया
सबसँ मोश्किल साननाई आँटा
हँ आबईया हमरा काटनाई भाँटा
हँ आबईया हमरा काटनाई भाँटा
जीनगीक माला के अहीं छि हिरा
अहाँ बिनु भेलौं हम बहिरा
अहाँ बिनु भेलौं हम बहिरा
लोहिया में तरकारी कोना बनाबी
तसलीक भात कोना पसाबी
तसलीक भात कोना पसाबी
मोटका रोटी आब नञि ससरईया
रोटी संग संग हाथो जरईया
रोटी संग संग हाथो जरईया
कोन डिब्बा में हरैद आ कोन में जिरा
अहाँ बिनु हम भेलौं बहिरा
अहाँ बिनु हम भेलौं बहिरा
बहुते साँझ उपासे बितईया
पाव खाईत खाईत आत्मा कनईया
पाव खाईत खाईत आत्मा कनईया
चलि आबु आगा सहल नञि जायत
कि कि बितईया से कहल नञि जायत
कि कि बितईया से कहल नञि जायत
अहाँ के हम कहियो नञि दुसऽब
जे बनायब भईर पेट ठूसऽब
जे बनायब भईर पेट ठूसऽब
अहीं छि करिना अहीं सकिरा
अहाँ बिनु हम भेलौं बहिरा
अहाँ बिनु हम भेलौं बहिरा
:: अनुप सत्यनारायण झा ::
मन पड़ल आई हम्मर दड़िमा गाम ...........
मन पड़ल आई हम्मर दड़िमा गाम ...........
बिंदेश्वरी बाबाक ऊँचका दलान
गणपैतका के दुतल्ला मकान
गाछी पर का छोटका मचान
पप्पु मट्ठे के कपड़ा दोकान
फन्नीका पोखरीक मखान
चिलिसीका दोकानक मिठा पान
सबहक अड्डा भगवती स्थान
भईया के सासुर सँ आयल समान
कलुआही में भेटल मान सम्मान
बाबा सँ सुनल दियादी बखान
सरकारी गाछी सँ चोरायल आम
चुनचुन जी गाछक मिठका लताम
मन पड़ला सिताराम आ महावीर हजाम
दरभंगा वला ब'स पवन विमान
मिथिला में छोट छीन हम्मर गाम
सबसँ सुन्दर हम्मर दड़िमा गाम
गणपैतका के दुतल्ला मकान
गाछी पर का छोटका मचान
पप्पु मट्ठे के कपड़ा दोकान
फन्नीका पोखरीक मखान
चिलिसीका दोकानक मिठा पान
सबहक अड्डा भगवती स्थान
भईया के सासुर सँ आयल समान
कलुआही में भेटल मान सम्मान
बाबा सँ सुनल दियादी बखान
सरकारी गाछी सँ चोरायल आम
चुनचुन जी गाछक मिठका लताम
मन पड़ला सिताराम आ महावीर हजाम
दरभंगा वला ब'स पवन विमान
मिथिला में छोट छीन हम्मर गाम
सबसँ सुन्दर हम्मर दड़िमा गाम
मऽन पड़ल हमहूँ छलौं रुसल
मऽन पड़ल हमहूँ छलौं रुसल
कोहबर घर में भईर दिन घुसल
कोहबर घर में भईर दिन घुसल
सभकियो मनेलक
सभ कियो जगेलक
सभ कियो जगेलक
कोर्थू वाली सरोहजनी देली आवाज
ओझा जी की चाहीं, कथिलाऽ छैथ नाराज
ओझा जी की चाहीं, कथिलाऽ छैथ नाराज
बेनीपूर सँ रसगुल्ला आयल, आशापुर सँ पेरा
मिल्की सँ जिलेबी आयल, बहेड़ा सँ केरा
मिल्की सँ जिलेबी आयल, बहेड़ा सँ केरा
बिकुपट्टी सँ मामा एलाह
हाबीबुआर सँ गामा एलाह
हाबीबुआर सँ गामा एलाह
बिसरा गेल किया नाराज भेलौं
कोन बात पर मौनी महाराज भेलौं
कोन बात पर मौनी महाराज भेलौं
भईर अंदौली खबर इ पसरल
कारी मिशर के जमाय किया रुसल
कारी मिशर के जमाय किया रुसल
कनियाक कननाई देखल नञि गेल
रसगुल्ला मिठाई छोड़ल नञि गेल
रसगुल्ला मिठाई छोड़ल नञि गेल
भुखले भईर दिन हालत छल पस्त
मुदा बेनीपूरक रसगुल्ला छल मस्त
मुदा बेनीपूरक रसगुल्ला छल मस्त
::: अनुप सत्यनारायण झा :::
हर हाल में मिथिला राज चाही !!
सुनु सुनु! मिथिला आंदोलनक कथा सुनु
आंदोलनी सबपर जे बित रहल से व्यथा सुनु
आंदोलनी सबपर जे बित रहल से व्यथा सुनु
इ भेल आब एहन खेला
भेल भानष पर पाहुन एला
भेल भानष पर पाहुन एला
हमरो चाही अइ में बखरा
नञि देबऽ तऽ हेतऽ लफरा
नञि देबऽ तऽ हेतऽ लफरा
के थिक रावण के थिक विशर्वा
हमहीं रहऽब एकमात्र सर्वेशर्वा
हमहीं रहऽब एकमात्र सर्वेशर्वा
कि कि केलऽ से बही किताब बताबऽ
कि कि खेलऽ से पुरा हिसाब देखाबऽ
कि कि खेलऽ से पुरा हिसाब देखाबऽ
बैंक में सही आब हमरे चलतऽ
बैनर पर फोटो हमरे लगतऽ
बैनर पर फोटो हमरे लगतऽ
बैसु पाहुन ओना नञि औउताऊ
आंदोलनक डिबीया एना नञि मिझाऊ
आंदोलनक डिबीया एना नञि मिझाऊ
दस दस लाठी खेने छी
तीन सांझ थाना में बितेने छी
तीन सांझ थाना में बितेने छी
पाहुन के एक एक लाठी पोन आ कल्ला पर
सुता दियौन बिन मच्छरदानी दुतल्ला पर
सुता दियौन बिन मच्छरदानी दुतल्ला पर
हे हे! हँसी मजाक केलौं माफ़ करु
हमरा प्रति हिया साफ़ करु
हमरा प्रति हिया साफ़ करु
बंधुआ मजदुरी बढ़ हम केलौं
अपमानक अन्न बढ़ हम खेलौं
अपमानक अन्न बढ़ हम खेलौं
आब दरभंगा में हमरा काज चाही
हर हाल में मिथिला राज चाही
हर हाल में मिथिला राज चाही !!
हर हाल में मिथिला राज चाही
हर हाल में मिथिला राज चाही !!
जय जय मिथिला !!
:: अनुप सत्यनारायण झा ::
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